नेति क्रिया एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किया जाता है। इस विधि का उद्देश्य नासिका मार्गों की सफाई और स्वास्थ्य को सुधारना है।
नेति क्रिया मुख्यतः दो प्रकार की होती है:
- जल नेति (Jal Neti )और
- सूत्र नेति (Sutra Neti)।
यहाँ हम Jal Neti के बारे में बात करेंगे। Jal Neti Kriya क्या है? Jal neti benefits, jal Neti के नुकसान क्या है? और jal neti kaise kare आदि के बारे में विस्तार से समझेंगे।
जल नेति क्रिया ( Jal Neti kriya kya hai )
नेति (Neti) का अर्थ हैं नाक और उसके आस-पास के क्षेत्र की सफाई और उपचार है। नेति से कपाल-शुद्धि, दृष्टि-शुद्धि और कंधों से ऊपर के हिस्सों का उपचार किया जाता है। जल नेति एक प्राकृतिक और सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें हल्के नमक के गर्म पानी का उपयोग करके नासिका मार्गों की सफाई की जाती है।
जल नेति क्रिया कैसे करें ( jal Neti kese kare )
नेति क्रिया एक बार सीखने के बाद बहुत ही सरल क्रिया हैं जिस के लिए कुछ सामग्री या उपकरण पास में होने चाहिए। नेति के लिए आवश्यक सामग्री jal neti pot, गर्म पानी, नमक और एक साफ कपड़ा या रुमाल।
- जल नेति के लोटे में हल्का गरम पानी लेकर उसमें आवश्यकतानुसार नमक मिला लें।
- लोटे की नली को बायीं नासिका छिद्र में लगाकर दायीं नासिका को थोड़ा नीचे रखें।
- मुख को खोलकर रखें और श्वास लेना छोड़ना मुख से ही करते रहें।
- दायी नासिका से जल अपने आप बाहर निकलने लगता है और साथ ही कफ विकार भी नासिका से जल धारा के साथ बाहर निकलता जाता है।
- इसी प्रकार दूसरे नासिका से भी करते हैं।
जल नेति के फायदे – Jal neti benefits
Jal neti ke fayde
- श्वसन प्रणाली की सफाई: जल नेति नाक की सफाई करके श्वसन प्रणाली को साफ करता है, जिससे सांस लेना आसान होता है।
- एलर्जी से राहत: इस विधि से नाक के अंदर जमा एलर्जी के कण और धूल को बाहर निकाला जा सकता है, जिससे एलर्जी की समस्या कम होती है।
- साइनस की समस्या में सुधार: जल नेति साइनस को साफ करता है और संक्रमण की संभावना को कम करता है।
- मानसिक स्पष्टता: यह क्रिया मानसिक स्पष्टता और ध्यान को बढ़ाती है, जिससे एकाग्रता में सुधार होता है।
- तनाव में कमी: जल नेति क्रिया से मानसिक तनाव और सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
- Maigren और Jal Neti: माइग्रेन एक सामान्य और गंभीर सिरदर्द होता है, जिसमें अक्सर मतली, उल्टी, और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता होती है। जल नेति, एक प्राचीन हठ योगिक क्रिया है, जो नासिका मार्गों की सफाई के लिए जानी जाती है। यह विधि कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं में लाभदायक होती है, जिनमें माइग्रेन भी शामिल है।
जल नेति की सावधानियाँ Precautions of Jal Neti
- Jal Neti kriya करने के बाद नाक को अच्छे से सूखाएं।
- जल नेति क्रिया मे उपयोग किए जाने वाले पानी का तापमान बहुत ठंडा या बहुत गर्म नहीं होना चाहिए।
- पानी हमेशा स्वच्छ और सुरक्षित उपयोग में लेना चाहिए।
सावधानियां और चेतावनियां Jal Neti Precautions and warnings
- अगर नाक में कोई संक्रमण, रक्तस्राव, या हाल ही में कोई सर्जरी हुई हो तो जल नेति से बचें।
- शुरुआत में यह क्रिया किसी योग शिक्षक की देखरेख में करें।
- अत्यधिक जल नेति करने से बचें, क्योंकि यह नाक की स्वाभाविक नमी को कम कर सकता है।
जल नेति का वैज्ञानिक आधार kese Kam Karti hai Jal Neti
Jal Neti kriya नमकीन पानी का उपयोग किया जाता है जिससे नाक में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। नाक में जमे म्यूकस को हटाकर यह नाक के आंतरिक भाग को साफ करता है, जिससे नार्मल सर्दी जुखाम और साइनस की बिमारी दूर होती हैं।